Thursday, August 30, 2007

भारत का अतीत गौरवशाली था या नहीं

इंटरनेट पर सर्च करते समय मेरी नजर एक हिन्दी न्यूज की वेबसाइट पर पड़ी जिसमें खबर यह थी कि केन्द्रीय वित्त मंत्री पी.चिदम्बरम ने एक कार्यक्रम में कहा कि नई पीढ़ी को यह बताना गलत है कि भारत का अतीत गौरवशाली रहा है और यहाँ दूध और शहद की नदियाँ बहती थीं। उन्होंने कहा कि यह शिक्षा देना कि भारत 500 वर्ष पहले समृद्ध और दूध-शहद का देश था तथ्यात्मक रूप से गलत है। उन्होंने कहा कि भारत में गरीबी हमेशा रही। हाँ, कहीं-कहीं समृद्ध क्षेत्र थे। उन्होंने कहा कि भारत के गौरवशाली अतीत का पाठ पढ़ाने वाली पुस्तकों को जला दिया जाना चाहिए। वित्त मंत्री देश ने कहा कि मैं चाहता हूँ कि मेरे जीवनकाल में ही गरीबी का उन्मूलन हो जाए। उनकी पुस्तक को भारत की अर्थव्यवस्था और सुधार प्रक्रिया का तथ्यात्मक निचोड़ माना जाता है।
इस खबर को पढ़कर मुझे लगता है कि अब इस विषय पर बहस होनी चाहिए कि क्या भारत का अतीत गौरवशाली था या नहीं?

4 comments:

Ramashankar said...

कोई फायदा नहीं बृजेश जी. इन जैसे अनर्गल प्रलाप करने वाले लोगों के कहने से देश का इतिहास नहीं बदल जाएगा. जो सत्य है वह सत्य है उस पर बहस करने की जरूरत नहीं है बहस होनी है तो इस पर हो कि ये ऐसा क्यों कह रहें हैं. खाते यहीं की है लेकिन बजाते कहीं और का हैं . . .

Sanjay Tiwari said...

बता सकते हो भाई यह खबर कहां छपी है. एक मेल कर देना.
वैसे यह ऐसा वित्तमंत्री है जो लंदन में कह आया था कि पहले आप आये और भारत में लंबे समय तक मुनाफा कमाया एक बार फिर आईये और स्थाईतौर पर मुनाफाखोरी करिए.

संजय बेंगाणी said...

सही कहा है, मान जाईये प्लीज.
सनातन काल से चली आ रही गरीबी मात्र चिदम्बरम साहब ही दूर कर रहे है.

Shastri JC Philip said...

प्राचीन भारत के बारे में आधिकारिक रूप से लिखना ऐसे अनर्गल प्रलाप का सबसे अच्छा उत्तर होगा -- शास्त्री जे सी फिलिप

हिन्दी ही हिन्दुस्तान को एक सूत्र में पिरो सकती है
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