सत्यम कंप्यूटर के चेयरमैन बी। रामलिंग राजू ने अपना इस्तीफा देते हुए कंपनी के निदेशक बोर्ड को एक लंबी चिट्ठी लिखी है। इस चिट्ठी में उन्होंने सत्यम के कामकाज के बारे में कई चौंकाने वाले खुलासे किये हैं। इसे एक तरह से राजू के गुनाहों का इकरारनामा कहा जा सकता है। हालाँकि इस बात को लेकर भी जाँच की जरूरत महसूस होती है कि इस पत्र में जो दावे किये गये हैं, वे भी कितने सच्चे हैं। कंपनी की जिस नकदी को लेकर हाल में बवाल मचा था, उसके बारे में रामलिंग राजू का ने इस पत्र में कहा है कि वास्तव में यह नकदी कंपनी के पास है ही नहीं। इसी तरह हाल के कारोबारी नतीजों में कंपनी की आमदनी, ऑपरेटिंग प्रॉफिट वगैरह के जो आंकड़े पेश किये गये थे, उनके बारे में भी कहा गया है कि इन आँकड़ों को बढ़ा-चढ़ा कर बताया गया।
रामलिंग राजू ने निदेशक बोर्ड को जो पत्र लिखा है, उसका हिंदी रूपांतर को पढ़ने के लिए http://www.sharemanthan.in/index.php/the-news/489-ramalingarajuresignationletter पर क्लिक करें।
नारद संदेश
Wednesday, January 7, 2009
Monday, October 27, 2008
Wednesday, November 7, 2007
Monday, September 24, 2007
अब हिन्दी में भी शेयर बाजार का हाल
नारदवाणी डॉट कॉम बेबसाइट ने शेयर बाजार में रुचि रखने वाले लोगों के लिए हिंदी भाषा में "शेयर मंथन" के नाम से एक दैनिक ईमेल पत्रिका प्रारंभ की है। ईमेल पत्रिका के माध्यम से शेयर बाजार का हाल और विशेषज्ञों की राय को बताया जाएगा। साथ ही साथ आप शेयर बाजार से जुड़े तमाम सवालों को भी पूछ सकते हैं। सवाल पूछने के लिए आपको equity@naradvani.com पर ईमेल करना होगा। अगर आप इस ईमेल पत्रिका के सदस्य बनाना चाहते है तो आपको www.naradvani.com पर अपना नाम निःशुल्क दर्ज करना होगा।
Friday, September 7, 2007
वेबदुनिया की सार्थक पहल
वेबदुनिया हिंदी पोर्टल ने एक अच्छी पहल की है। वेबदुनिया ने भी हिंदी ब्लागिंग को चर्चा का विषय बनाना तय किया है। वेबदुनिया पोर्टल पर हर शुक्रवार के दिन एक ब्लॉग के बारे में चर्चा की जाती है। इस शुक्रवार को रवि रतलामी के ब्लॉग (http://raviratlami.blogspot.com/) के जरिए तकनीक को समझने का प्रयास किया गया है।
Tuesday, September 4, 2007
Thursday, August 30, 2007
भारत का अतीत गौरवशाली था या नहीं
इंटरनेट पर सर्च करते समय मेरी नजर एक हिन्दी न्यूज की वेबसाइट पर पड़ी जिसमें खबर यह थी कि केन्द्रीय वित्त मंत्री पी.चिदम्बरम ने एक कार्यक्रम में कहा कि नई पीढ़ी को यह बताना गलत है कि भारत का अतीत गौरवशाली रहा है और यहाँ दूध और शहद की नदियाँ बहती थीं। उन्होंने कहा कि यह शिक्षा देना कि भारत 500 वर्ष पहले समृद्ध और दूध-शहद का देश था तथ्यात्मक रूप से गलत है। उन्होंने कहा कि भारत में गरीबी हमेशा रही। हाँ, कहीं-कहीं समृद्ध क्षेत्र थे। उन्होंने कहा कि भारत के गौरवशाली अतीत का पाठ पढ़ाने वाली पुस्तकों को जला दिया जाना चाहिए। वित्त मंत्री देश ने कहा कि मैं चाहता हूँ कि मेरे जीवनकाल में ही गरीबी का उन्मूलन हो जाए। उनकी पुस्तक को भारत की अर्थव्यवस्था और सुधार प्रक्रिया का तथ्यात्मक निचोड़ माना जाता है।
इस खबर को पढ़कर मुझे लगता है कि अब इस विषय पर बहस होनी चाहिए कि क्या भारत का अतीत गौरवशाली था या नहीं?
इस खबर को पढ़कर मुझे लगता है कि अब इस विषय पर बहस होनी चाहिए कि क्या भारत का अतीत गौरवशाली था या नहीं?
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