विश्व के दो तिहाई कुष्ठ रोगी भारतीय हैं। ये ऐसे रोगी हैं जोकि समाज में सर्वाधिक पीड़ित,उपेक्षित और घृणित हैं। हमारे बीच के बंधु अगर इस रोग से पीड़ित हो जाते हैं, तो हम उन्हें अपने से अलग मान बैठते हैं और उनकों परिवार से बहिष्कृत कर देते हैं। हमारे तिरस्कार की परिणति है इन परिवारों में जन्में बच्चे शिक्षा और संस्कार के अभाव में गलत हाथों में खेलने को विवश हो जाते हैं। अगर इन्हीं बच्चों को अच्छी शिक्षा व संस्कार मिले तो ये आगे चलकर वैज्ञानिक,डॉक्टर,सेना के अधिकारी व जवान बनकर देश की रक्षा के लिए प्राणों की आहुति दे सकते हैं। ऐसे ही कुष्ठ रोगियों के बच्चों को शिक्षित व संस्कारवान बनाने में सेवारत है हरिद्वार स्थित दिव्य प्रेम सेवा मिशन। स्वामी विवेकानंद के सेवा-दर्शन से प्रेरित एवं आध्यात्मिक व सामाजिक सोच रखने वाले श्री आशीष गौतम और उनके कुछ साथियों ने 12 जनवरी,1997 को दिव्य प्रेम सेवा मिशन नामक प्रकल्प प्रारंभ किया। प्रारंभ के दिनों में प्रयाग से आए सेवाव्रती आठ कार्यकर्ताओं ने हरिद्वार में चंडीघाट के पास हनुमान मंदिर के निकट झोपड़ी डालकर चिकित्सा केंद्र प्रारंभ किया। इसी क्रम में मार्च,1998 में कुष्ठ रोगियों के 15 बच्चों को लेकर चंडीघाट में सेवाकुंज के नाम से एक छात्रावास प्रारंभ किया गया। सन् 2002 में मिशन ने हरिद्वार से ऋषिकेश मार्ग पर 15 बीघे जमीन खरीदी और वहां वंदेमातरम् कुंज के नाम से एक छात्रावास प्रारंभ किया। आज इस प्रदीप वाटिका नामक छात्रावास में देश के 12 प्रांतों से आये कुष्टरोगियों के स्वस्थ शिशुओं के सर्वांगीण विकास पर ध्यान दिया जा रहा है। वंदेमातरम् परिसर में दिव्य भारत शिक्षा मंदिर नाम से एक विद्यालय भी चलाया जा रहा है। मिशन के द्नारा एक समिधा चिकित्सालय, सुश्रुत अल्सर केयर सेंटर, माधव राव देवले शिक्षा मंदिर व एकल विद्यालय चलाया जा रहा है। इन सभी प्रकल्पों का सफल संचालन समाज के आर्थिक सहयोग के साथ-साथ श्रमदान, अध्यापन, स्वास्थ्य केंद्र संचालन से हो रहा है।
समाज में कुष्ठ रोगियों के प्रति व्याप्त उपेक्षा को दूर करने के लिए मिशन द्वारा रामकथा का भी आयोजन किया जाता है। इस पुनित कार्य में विशेष रूप से पूज्य संत श्री विजय कौशल महाराज व पूज्य संत श्री अतुल कृष्ण भारद्वाज महाराज जी का आशीर्वाद प्राप्त है। आइए हम भी इस पुनित कार्य में सहभागी बनें। मिशन के कार्यों में किसी प्रकार का सहयोग करने के लिए या किसी प्रकार की जानकारी के लिए आप निम्न पते पर संपर्क कर सकते हैं-
श्री संजय चतुर्वेदी (संयोजक,दिव्य प्रेम सेवा मिशन) सेवा कुंज, चंडीघाट, हरिद्वार(उत्तरांचल)। दूरभाष-(01334) 222211,09837088910। ई-मेल-sanjay_dpsm@rediffmail.com। वेबसाइट-http://www.divyaprem.org
5 comments:
दिव्य प्रेम सेवा मिशन वाले तो ब्लाग बनाकर बैठ गये. आपने लिखा यह बहुत अच्छा किया. आपका नाम बहुत अच्छा लगा नारद संदेश.
अपने मुख्यपृष्ठ के रंगों को फिर से समायोजित करिए. पढ़ने में चमक रहा है.
और लिखने में डटे रहिए.
अच्छे-अच्छे विचार सबसे बड़ी पूंजी होते हैं.
दिव्य प्रेम सेवा मिशन के बारे में मैं पहले से जानता हूं। अच्छा काम कर रहे हैं। अच्छी चीजों के बारे में लिखा जाना और अच्छा है। इससे दूसरे लोग भी अच्छा करने के लिए प्रेरित होंगे। संजयजी और आशीषजी के लिए ढेर सारी शुभकामना।
I am also like a member of Divya Prem Seva Mission. I have seen the Mission at Chandighat and at Vandematram Kunj. i really appriciate sanjay for his great contribution. I can say "Sanjay, we are with you." I know Asheesh ji personally and even feel proud that we held from same District. My best wishes for all the activists of Mission.
Brahma Kumar
IFS
divya prem sewa mission my best wishes for this noble work
Divya Prem Seva Mission presently preparing a good team. this team is spreading the light of knowlege, humanity and positive thinking.my best wishes for all kind of activities of the mission.
Post a Comment